सतयुग...old wine, new bottle, rightly aged
स्वयंभू कॉमिक्स एक नई कॉमिक्स कंपनी है जिससे अन्य कॉमिक्स प्रकाशकों को मार्केटिंग के गुर सीखने की जरूरत है। अपने प्रथम अंक के साथ ही उन्होंने कॉमिक्स के पाठकों के मन में और उनकी अलमारियों में एक खास जगह बना ली है, इसलिए जब उन्होंने अपने प्रकाशन के दूसरे कॉमिक्स सतयुग की घोषणा करी, तो जाहिर सी बात है कि पाठकों में उत्सुकता बहुत अधिक थी। उन्हीं पाठकों में से मैं भी एक पाठक हूं। चाहे वह सतयुग का cover reveal हो या फिर सतयुग का title track launch करना, स्वयंभू कॉमिक्स ने इस कॉमिक्स के लिए एक बांधने वाला Ad campaign चलाया, जिससे कि पाठकों के मन में इस कॉमिक्स के लिए बहुत high expectations पैदा हो गई थी। वैसे तो मैं इस कॉमिक्स की समीक्षा पढ़ने के तुरंत बाद करने वाला था लेकिन इस बार मैंने निर्णय लिया की कॉमिक्स को सिर्फ एक बार पढ़कर उसकी समीक्षा करने के बजाए इस कॉमिक्स का अध्ययन बारीकी से करने के पश्चात ही इसका रिव्यु अपने ब्लॉग पर डालूंगा। तो आइए बिना समय बर्बाद किए करते हैं स्वयंभू कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित सतयुग कॉमिक्स के हिंदी अंक का dissection. 1. कथानक कॉमिक्स की कहानी क...