जला हुआ जम्बू...दिमाग में भूकंप ला सकता है।
करीब तीन दशक के बाद comics India नामक एक नवीन प्रकाशक ने तुलसी कॉमिक्स को रीप्रिंट करके हमारे समक्ष प्रस्तुत करना प्रारंभ किया और कोरोना से त्रस्त जनता ने nostalgia से ग्रसित हो कर इन कॉमिक्स को हाथो हाथ लिया।
मैंने बचपन में जम्बू की कॉमिक्स के कुछ इश्तेहार देखे थे और पढ़ने के नाम पर केवल एक कॉमिक्स का अध्ययन किया था जिसका शीर्षक था जम्बू और शनिश्चर। वह कॉमिक्स उस वक्त मुझे काफी मनोरंजक लगी लेकिन उसका रिव्यू फिर कभी करूंगा। शायद यह उस कॉमिक्स का ही प्रभाव था कि मैंने कॉमिक्स इंडिया द्वारा प्रकाशित समस्त तुलसी कॉमिक्स खरीदने प्रारंभ कर दिए। अब जब मेरे पास एक अच्छा खासा कलेक्शन हो गया है तो मैंने इन कॉमिक्स का बारीकी से अध्ययन करना प्रारंभ किया है।
जैसे-जैसे मैं जम्बू की कॉमिक्स पढ़ता जा रहा हूं, मुझे इस तथ्य का एहसास हो रहा है कि आखिरकार राज कॉमिक्स ने तुलसी को क्यों हराया। इसी क्रम में आज मैंने जम्बू की एक कहानी पढ़ी जो दो कॉमिक्स में प्रकाशित हुई थी। इन दो कॉमिक्स का नाम है "जला हुआ जम्बू" और "जम्बू का भूकंप".
क्योंकि यह दोनों कामिक्स रिप्रिंट है इसलिए इन कॉमिक्स के आर्ट की समीक्षा करना गलत होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि समय के साथ आर्ट का स्तर और आर्ट का तरीका भी बदला है। यह कॉमिक्स जिस दौर में आए थे उस दौर में कंप्यूटर्स का प्रयोग कॉमिक्स बनाने में नहीं होता था, इसलिए आर्ट को dissection table से आजाद करते हुए, करते हैं इस कहानी की चीर फाड़।
1. कथानक
वेद प्रकाश शर्मा हिंदी उपन्यास की दुनिया का एक जाना माना नाम है। उनकी कुछ कहानियां मैंने पढ़ी है इसलिए यकीन मानिए कि मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं होता कि इस तरह की बेहद लचर कहानी उन्हीं की कलम से निकली है। जला हुआ जम्बू में मुख्य विलन का नाम लेडी डेमन तारा है। अब इसके आगे मैं क्या समीक्षा करू। जितना खराब इस विलेन का नाम है उससे हजार गुना ज्यादा खराब जम्बू के डायलॉग हैं। उदाहरण के लिए एक जगह जब विलेन जम्मू को फंदों में फंसा कर पटकती है तब हमारे सुपर हीरो डायलॉग कुछ इस प्रकार से बोलते हैं।
"अरेरेरे रेरे ss क्या करती है चोटी की चोट लग जाएगी"
जम्बू की कॉमिक्स का एक निहायती irritating किरदार है बंटी। मुझे तो आज तक समझ नहीं आया कि इस निक्कर धारी बच्चे को इतना कॉन्फिडेंस कहां से आता है।
खैर कहानी आगे बढ़ती है और अगला भाग जम्बू का भूकंप में तो लेखक ने हदें पार कर दी है। हमारे सुपर हीरो अमेरिका जाकर निर्दोष लोगों से भरे हुए एक विमान को हाईजैक कर लेते हैं। मतलब कहानी में कुछ भी हो रहा है। इस पूरी कहानी को पढ़कर खत्म करते-करते मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो जुनून में आकर मैंने अपने बैंक अकाउंट में खुद डाका डलवा दिया हो।
जम्बू का बार-बार हाईजैक प्लेन के पायलट को पायलट मल दुल्लती चंद कहना चेहरे पर हास्य के बजाय खीझ के भाव पैदा करता है। सच कहूं तो जंबू की हर कॉमिक्स मुझे यह एहसास दिलाती है की अगर तुलसी कॉमिक्स सन २००० के बाद प्रकाशित होती तो शायद सुपर इंडियन से भी कम कॉमिक्स निकाल पाती।
अब मेरा सर दर्द होने लगा है इसलिए अब मैं बिना समय बरबाद किए अपना verdict दे कर crocin खा लेता हू।
My verdict - 0.5/10
विशेष — जब सुधा एक अच्छी वैज्ञानिक थी तो उसने लेडी डेमन तारा को इतना बदसूरत चेहरा क्यों दिया? रोबोट का फिगर इतना अच्छा बनाया तो उसको सुंदर बनाने में क्या दिक्कत थी?
रोचक लेख। जहाँ तक खूबसूरत चेहरे की बात है तो मुझे लगता है कि अगर वैज्ञानिक मर्द होता तो तारा को खूबसूरत जरूर बनाता लेकिन चूँकि औरत थी तो शायद वह खुद को प्रतिस्पर्धा नहीं देना चाहती होगी... हा हा हा..वो मेल एंड्राइड बनाती तो शायद उसे हैंडसम बनाती...वैसे जोक्स अपार्ट शायद डेमन नाम को सार्थक करने के लिए शायद ऐसा किया गया हो...
ReplyDeleteagar aisa naam rakha hai to wo scientist hi kuch gadbad hai fir
DeleteMaine toshi ki 4 comics li thu start wali.....unko parkar meri ab himmat nahi hoti k tulsi ka koi aur comics buy karu.....
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