खून के कटोरे...एक अच्छा, दो कुछ ज्यादा हो रहे।

 राज कॉमिक्स ने अपने शुरुआती वर्षों में काफी सारी डरावनी कॉमिक्स निकाली थी जिनमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध होने वाली कॉमिक्स थी एक कटोरा खून। उस जमाने में इस कॉमिक्स का कवर देखकर ही मां-बाप बच्चों के लिए यह कॉमिक्स खरीदने से मना कर देते थे। राज कॉमिक्स को इस कहानी पर अत्यधिक भरोसा था और इसीलिए इस कहानी को एक विशेषांक के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस विशेषांक के निकलने के तकरीबन दो दशक बाद राज कॉमिक्स ने एक कटोरा खून के ही कांसेप्ट पर दो कटोरा खून नाम से एक विशेषांक निकाला। 


हाल ही में मैंने इन दोनों विशेषांक को पढ़ने का निर्णय लिया और पढ़ने के उपरांत मैंने यह तय किया कि इन दोनों कॉमिक्स का अलग-अलग dissection करने की जगह, क्यों ना इनका एक comparative dissection किया जाए। 

तो पेशे खिदमत है राज कॉमिक्स के इन दो थ्रिल हॉरर सस्पेंस विशेषांक की चीर फाड़ का परिणाम। 


 

एक कटोरा खून

दो कटोरा खून

क्रेडिट्स

लेखक - तरुन कुमार वाही

चित्रांकन - धम्मी एवम विनोद

लेखक - नितिन मिश्रा

चित्रांकन - विनोद कुमार एवम हेमंत

कवर

कवर आर्ट क्लासिक है और कहानी से सम्बन्ध रखती है. चुड़ैल का look हॉरर feel देता है.

कवर आर्ट कही से भी हॉरर कॉमिक्स का नहीं लगता है. हां लेकिन नवयुवाओ और डैनकियो को यह बहुत लुभाएगा।

कहानी

कहानी बच्चो को डराने का दम रखती है. खून खराबा काफी ज़्यादा है और डर के माहौल को मजबूत करता है. किरदार सशक्त है किन्तु कहानी में कंटारा जैसे प्राणी को देख कर हसी आती है. कोई अपने आधे होश में भी घर पर ऐसा बदसूरत और ज़हरीला जानवर नहीं पालेगा. इस वजह से इस जानवर से जुड़े कहानी के सभी एलिमेंट्स मूर्खतापूर्ण लगते है.

कहानी ठीक है. कहानी में vampires vs werewolf के concept का प्रयोग किया गया है जो कुछ ख़ास नहीं बन पाया है. कहानी पढ़ने के बाद हॉलीवुड की फिल्मे याद आती है. आखिर में हुई लड़ाई Hugh Jackman की Van Helsing की climax से उठायी गयी लगती है. बग्घी की सवारी वाला sequence ड्रैकुला मूवी से inspired है. रेलवे स्टेशन पर vampires और werewolf की लड़ाई Underworld मूवी से ली गयी है.

चित्रांकन

Art अच्छा है और विशेषकर चुड़ैल का चित्रांकन बच्चो को भयभीत कर सकता है.

Art बेहतरीन है और werewolf वाले panels काफी लुभावने बने है किन्तु चुड़ैल, चुड़ैल न लग कर cosplay करती हुई कोई हसीना लगती है जिसको देख कर आदमी खुद अपना दो कटोरा खून निकाल कर दे दे.

हॉरर

कहानी में चुड़ैल की गतिविधियों वाला पूरा sequence अच्छा हॉरर create करता है.

कहानी में हॉरर की कमी साफ़ महसूस होती है. Infact कहानी में हॉरर नाम मात्र का ही है.

सस्पेंस

शेर के मास्क वाले विलन का reveal अच्छा बना है और यह सस्पेंस अंत तक पाठक को बांधे रखता है.

कहानी में सस्पेंस नाम मात्र का ही है. और जो है वो भी बहुत फ्लैट है.

My Verdict

7/10

3.5/10

 

Comments

  1. एक कटोरा खून के प्रति उत्सुकता जगाता आलेख। पढ़ने की कोशिश रहेगी। लेख में डैन्क शब्द का प्रयोग ऐसे पाठकों को कन्फ्यूज कर सकता है जो इससे वाकिफ न हों। उनके लिए इसका अर्थ दे दिया करें।

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    1. Ye dank word ka use isliye hi kiya jaata hai taaki aam pathak dank ki khoj karein

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