शो स्टॉपर ध्रुव ... A journey of emotions and suspense.

शो स्टॉपर। वही तो है ध्रुव राज कॉमिक्स में। जो हर multistarrer कॉमिक्स में अपनी तीव्र बुद्धि से कहानी का पटाक्षेप करता है और दुनिया को खतरों से बचाता है। बुद्धि जिसके बल पर वह महामानव से लेकर हरु तक को परास्त कर लेता है। किंतु इस बुद्धिशाली मस्तिष्क में छुपा है एक दर्द भी। दर्द जिसे ध्रुव ने अपने कर्तव्यबोध के बोझ के नीचे गहराई में दबा रखा है। दर्द जिसे शायद कमिश्नर राजन, रजनी मेहरा और श्वेता के प्यार ने काफी हद तक भर भी दिया है। लेकिन उस दर्द के अवशेष ध्रुव के अवचेतन मस्तिष्क में आज भी बचे है। क्या होगा अगर कोई शक्ति ध्रुव के उसी दर्द को उसके विरुद्ध हथियार बना ले और वह भी इस तरह की ध्रुव को पता भी न चले कि कब वह हथियार उसके विरुद्ध चला और कब वह शिकार हो गया। ऐसी ही एक कहानी लिखी नितिन मिश्रा जी ने और उस कहानी को टाइटल दिया गया "शो स्टॉपर ध्रुव".



आज अपने 1400 कॉमिक्स के संग्रह की सफाई करते हुए मेरी नज़र इस कॉमिक्स पर पड़ी किन्तु मुझे कहानी काफी धुंधली सी याद आयी। वैसे भी करीब 4 साल पहले पड़ी थी इसलिए उम्र या यादाश्त को दोष देना सही नही लगा। खैर, revision हेतु हमने यह कॉमिक्स उठा ली और साथ ही तय किया कि आज करूँगा इस कॉमिक्स का dissection।

1. कथानक
नितिन मिश्रा जी की इस कहानी के लिए जितनी तारीफ की जाए कम है क्योंकि यह एक flawless storytelling का उदाहरण है। कहानी ध्रुव के जागने के साथ शुरू होती है जहां ध्रुव खुद को युवा अवस्था मे जुपिटर सर्कस के शो स्टॉपर के रूप में पाता है। ध्रुव का तीव्र मस्तिष्क शुरू से ही इस नई दुनिया को स्वीकार नही कर पाता है लेकिन page by page, कहानी पाठको को यही feel करवाती है कि ध्रुव वाकई एक alternate दुनिया मे पहुच चुका है। ध्रुव के असली जीवन के सभी रिश्ते धूमिल हो चुके है और उसके आगे पूरी कहानी इसी सत्य की खोज में निकलती है कि यथार्थ क्या है और illusion क्या। 

मुझे इस कहानी में ऋचा का किरदार बेहद सटीक लगा और अगर ध्रुव की प्रेम गाथा का जिक्र किया जाये तो मैं हमेशा team ऋचा में रहूंगा। ध्रुव-नताशा-ऋचा का यह लव ड्रामा काफी लंबा चल चुका है और आशा है अनुपम जी आने वाले प्रेम ग्रंथ में इसका अंत करेंगे और ध्रुव ऋचा के प्रेम के साथ न्याय करेंगे। 
आप नताशा या ऋचा किसके साथ ध्रुव को देखना चाहते है यह कमेंट में बताइयेगा और क्यों?

2. चित्रांकन
इस कॉमिक्स में ध्रुव का आर्टवर्क हेमंत जी ने किया है। पर्सनली मुझे ध्रुव का यह slim and athletic रुप ज़्यादा पसंद आता है क्योंकि यह ध्रुव की कलाबाज़ी करने वाली पर्सनालिटी पर फिट बैठता है। अगर बात ध्रुव के फेस की करे तो अभिषेक मलसुनी जी इस मामले में सर्वश्रेष्ठ है। मुझे पता है कि यह बातें die hard अनुपम सिन्हा fans को पसंद नही आएंगी लेकिन यह मेरा personal opinion है। इसका मतलब यह नही की अनुपम जी की आर्ट खराब या कमतर है। 
खैर, मुझे इस कॉमिक्स का आर्टवर्क refreshing लगा विशेषकर action scenes वाले पैनल्स। 


कुल मिला के यह कॉमिक्स ध्रुव की सर्वाधिक अच्छी कहानियों में से एक है और मैं इसे ध्रुव के शुरुआती कॉमिक्स के समकक्ष मानता हूँ।

MyVerdict 8.5/10

अगर आपके पास यह कॉमिक्स नही है तो जरूर खरीदे और पढ़े। जय जनून।

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