Hunter Shark Force... एक खोया हुआ नगीना

आर्ट subjective होती है। किसी को किसी खास तरह की आर्ट पसंद आती है, तो किसी को किसी खास आर्टिस्ट की। अब अगर अपने भारतीय कॉमिक्स को ही ले लें, विशेषकर राज कॉमिक्स तो कुछ लोग अनुपम सिन्हा जी की भारी-भरकम एवं एक ही पैनल अधिक से अधिक कंटेंट डालने की आर्ट के फैन है, वहीं कुछ को बेदी जी का बांकेलाल का सरल लेकिन एक एक चित्र से हास्य प्रस्फुटित करने वाला चित्रांकन पसंद आता है। कुछ लोगों को प्रदीप साठे जी की अंगारा कॉमिक्स की आर्ट, जो कि बेहद ही सरल होती थी, वह पसंद आती है तो वही कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें मनु जी की शानदार आर्ट से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं। असल में देखा जाए तो आर्ट कहानी को complement करती है और किसी भी कॉमिक्स में आर्ट वही अच्छी होती है जो कहानी को और निखार कर सामने लाए या फिर कहा जाए की उस कहानी की theme से तालमेल खाती हो। ऐसा तभी संभव होता है जब चित्रकार और कहानीकार एक दूसरे के भाव को समझें या फिर तब जब कहानी लिखने वाला और चित्र बनाने वाला एक ही व्यक्ति हो। 

कुछ इसी प्रकार की कॉमिक्स है जिसका आज हम करने जा रहे हैं dissection। इस कॉमिक्स की कहानी लिखने वाले और चित्र बनाने वाले व्यक्ति का नाम है श्री भरत नेगी जी। 

जी हां यह वही भरत नेगी जी है, जिन्होंने किस्सा एक करोड़ का नामक कॉमिक्स बनाई थी जिसे परंपरा कॉमिक्स ने छापा था और जिस कॉमिक्स ने हर्षद मेहता स्कैम की पृष्ठभूमि पर एक बेहद तीखा व्यंग रचा था। यह व्यंग्य इतना तीखा था कि यह कॉमिक्स अगर आज के जमाने में आती तो निश्चित रूप से इस के ऊपर रोक लगा दी जाती।उन्ही भरत नेगी जी के द्वारा किंग कॉमिक्स पब्लिकेशन के लिए रचे गए बेहतरीन किरदार की ओरिजिन कॉमिक्स का आज मैं Review कर रहा हूं जिसका नाम है "हंटर शार्क फ़ोर्स".

1. कथानक एवं चित्रांकन
क्योंकि इस कॉमिक्स को लिखने वाले और इसको चित्र में डालने वाले व्यक्ति एक ही हैं इसलिए इस कॉमिक्स की समीक्षा में कथानक और चित्रांकन की समीक्षा मैं एक साथ ही करूंगा।
Hunter Shark force! ये कहानी भारतीय कॉमिक्स इतिहास की सबसे अजीबोगरीब सुपर हीरो ओरिजिन स्टोरी है इस कहानी में साइंस फिक्शन भी है, इमोशंस भी है, एक्शन भी है लेकिन सबसे खूबसूरत बात यह है की इसका चित्रांकन इस Madcap स्टोरी को बेहतरीन रूप से complement करता है।
अगर शुद्ध दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह कॉमिक बच्चों के पढ़ने के लिए बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि इसमें जिस लेवल का violence दिखाया गया है वह किसी GoreFest से कम नहीं है। एक पशु प्रेमी को इस कॉमिक्स का हिंसात्मक चित्रण विचलित कर सकता है जैसा कि मुझे किया। शायद यही लीक से हटकर काम करने की कला भरत नेगी जी को कॉमिक्स इतिहास में एक अलग स्थान प्रदान करती हैं।
इस कहानी में भावनाओं का एक ऐसा सैलाब भी है जो माताहारी और उसके दोनों बच्चों के बीच develop होने वाले भावनात्मक bond को पाठक के दिल में उतार देता है।
मुझे याद है कि स्कूल के जमाने में मैंने हंटर शार्क फ़ोर्स की कॉमिक्स हल्ला बोल पड़ी थी लेकिन उस समय बुद्धि इतनी परिपक्व नहीं थी कि मैं इस कॉमिक्स या इन किरदारों की खूबसूरती को समझ पाता। आज उम्र के 36 में पड़ाव पर कला को परखने की काबिलियत काफी मैच्योर हो चुकी है और इसलिए आज जब मैं इन किरदारों को पढ़ रहा हूं तो यह एहसास हो रहा है की एक बेहद बेहतरीन कॉमिक्स श्रृंखला, शायद भारतीय पाठको की नज़र से चूकते हुए बाज़ार के बिक्री और प्रॉफिट के आकड़ो में विलुप्त हो गयी और साथ ही विलुप्त हो गए भरत नेगी जी।

आज मैं यह कॉमिक सीरीज ब्लैक मार्केट से मुंह मांगे दामों में खरीदने के लिए तैयार हूं बचाते कॉमिक्स अच्छी कंडीशन में उपलब्ध हो। 

My Verdict - 8/10

फिर मिलूंगा आपसे अपने इस ब्लॉग पर इसी प्रकार खोई हुई उन कॉमिक्स की समीक्षा लेकर, जिन्हें शायद समय की मार ने कहीं विलुप्त कर दिया है और जो एक बार फिर छपने और बाजार में बिकने की हकदार हैं। तब तक जो कॉमिक्स मिले पढ़ते रहिए लेकिन DC और Marvel के महिमामंडन में भारतीय कॉमिक्स को तिरस्कृत मत करिये।

Comments

  1. हंटर शार्क फोर्स एक अलग अनुभव है, संजय सर को ये रिप्रिंट करनी चाहिए , बढ़िया ब्लॉग ,=ऐसे ही लिखते रहिए abkb

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  2. Pata nahi, aaj bhi isko samajhne ka level mujh main nahi hain. Dank hain issme koi do rai nahi.

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